बच्चों के बिगड़ने का मुख्य वजह:
बच्चा चाहे किसी का हो सब कोई चाहता है की उनका बच्चा सभ्य, संस्कारी और आज्ञा मानने वाला हो। पर यह तभी संभव है जब आप स्वयं भी सभ्य, संस्कारी और आज्ञा मानने वाले हो। क्योंकि बच्चे जो कुछ भी सीखते है उसमे सबसे ज्यादा योगदान उनके घरवालों का होता है ।
पर यदि मान लीजिए कोई बहुत अच्छा है और उनका बच्चा बिगड़ चुका है तथा वो उनकी बाते नही मानता हो और हो सकता है की वो उनको परेशान c करता हो। तो ये सब क्यों होता है क्योंकि अक्सर बच्चा तब बिगड़ता है जब उस पर उसके घर वाले ध्यान नहीं देते है की वो क्या गलत कर रहा है क्या सही, उसके घर वाले उसको कुछ भी नही सिखाते है और सबसे कहते फिरते है की उनका लड़का बिगड़ चुका है उनकी बाते नही मानता है । तो बच्चों पर यदि सुरू से ही ध्यान दिया जाए तो बचें कभी भी नही बिगड़ेंगे।
पर जब बच्चा बिगड़ चुका हो और वो आपकी एक बात तक नहीं मानता हो आपको परेशान करता हो तो एसे स्थिति में क्या करना चाहिए । जिससे आपका बच्चा आपकी बाते माने और अपने परिवार के लोगो के बारे में सोचे तथा सभ्य और संस्कारी भी हो जाए।
1. सबसे पहले अपने बच्चे से बात करना :- बच्चा कब बिगड़ता है जब आपके पास अपने बच्चे से बात करने तक का टाइम नही होता है। तो जब बच्चा बिगड़ चुका है तो अब आपको अपने बच्चे से बात करने के लिए टाइम तो निकालना ही पड़ेगा वो भी समय रहते ही ।
पर यदि आपको लगता है की आपका बच्चा बिगड़ ही चुका है या बिगड़ ही रहा है तो बिना समय गवाए सबसे पहले उससे बाते करना सुरू कर दीजिए। वो भी प्यार से बिना उसको डांटे, उसको बिना ताना मारे । ये नही की उससे बाते करते समय उसे ताने मारना ही सुरू कर दे। ऐसी स्थिति में बात और बिगड़ सकती है ।
बात करने का मतलब है की उससे प्यार से बाते करे उसके बारे में जाने उसकी केयर करे और अधिक से अधिक उससे बाते करने की कोशिश करते रहे, हो सकता हो वो सुरू में आपसे बात नही करना चाहे या आप से बात करते समय बोरिंग महसूस करे पर कोई बात नही आपको कोशिश करते रहना है क्यों – क्योंकि आपने समय रहते तो ये काम किया नही तो जब बात बिगड़ चुकी है तो थोड़ी परेशानी होगी ही ।
पर निश्चित मानिए यदि आप लगे रहे तो आपका बच्चा बहुत जल्द ही आपसे अच्छे से बाते करना सुरू कर देगा ।
2. अपने बच्चे को समझना :- जब आपका बच्चा आप से अच्छे से बाते करने लगे तो समझ जाइए की आपकी 50% समस्या सही हो गई। क्योंकि किसी भी समस्या का हल सबसे पहले बाते करने से ही सुरू होता है । अब जब आपका बच्चा आपसे अच्छे से बाते करना सुरू कर दिया तो अब आप उसको समझने की कोशिश करिए की वो क्या सोचता है, क्या चाहता है, उसकी समस्या क्या है, क्यों बिगड़ रहा है या बिगड़ चुका है । जब आप उससे बाते करने लगेंगे तो इन सारे सवालों का जवाब आप को उससे ही मिल जायेगा ।
3. अपने बच्चे को समझना:- जब आप अपने बच्चे को समझ गए की उसको क्या समस्या है वो क्या चाहता है वो क्यों परेशान है वो आपकी बाते क्यों नहीं मानता था तो यदि उसकी सोच उसके भविष्य के साथ – साथ आपके परिवार की भविष्य के लिए लाभदायक हो तो आपको अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए।
क्योंकि आप आज तक ये जान ही नहीं पाए की वो क्यों परेशान रहता था वो आपकी बाते क्यों नहीं मानता था पर आज जब सब पता चल चुका है तो उसको उसकी लक्ष्य के तरफ बढ़ने में अपना पूरा योगदान देना चाहिए। पर यदि उसकी सोच, उसकी चाहत उसके साथ – साथ आपके परिवार के भविष्य के लिए हानिकारक हो तो फिर उसको समझाइए की बेटा/बेटी आप जो सोच रहे हो, जो चाह रहे हो वो सही नही है ।
उसको ये भी समझना चाहिए कि आपकी ये चाह अपने परिवार का भविष्य खराब कर देगा, अपने परिवार की समाज में कोई इज्जत नहीं रह जायेगी। लोग क्या – क्या बोलेंगे की देखिए ये उनका लड़का है या लड़की है जो बड़ी – बड़ी बाते किया करते थे अपने बच्चे के बारे में और आज ये कितना बिगड़ चुका/चुकी है । और जब आप प्यार से उसको अनेक प्रकार के उदाहरण देके समझाएंगे तो वो निश्चित ही आपकी बाते समझ जायेंगे।
4. अपने बच्चे की मानसिक मदद करना:- अब जब आप अपने बच्चे को अच्छे से समझा लिए है तो फिर आपको अपने बच्चे को मोटिवेट करने का सही समय यही होता है क्योंकि मोटिवेशन दुनिया की सबसे बेस्ट दवा है चाहे रोग किसी प्रकार का हो मोटिवेशन ही हर रोग की पहली और अखरी दवा होती है ।
यदि आपके बच्चे की सोच सही दिशा में हो तो उसको उसके दिशा में आगे बढ़ने में हौसला बढ़ाना चाहिए और उसको बिस्वास दिलाना चाहिए की बेटा तू चल हर कदम पर तेरा ये बाप तुझे तेरे साथ नजर आयेगा । पर यदि उसकी सोच गलत दिशा में हो तो फिर उसको उस गलत दिशा से हमेशा के लिए दूर होने के लिए मोटिवेट करना चाहिए ।
उसको बोलना चाहिए की बेटा देखो ये जो आप कर रहे हो या जो चाह रहे हो इससे तुम्हारा नुकसान के अलावा फायदा कभी भी नही हो सकता है । उसको समझना चाहिए की बेटा आप इस गलत काम के लिए नही बने हो आपमें तो ऐसा हुनर है कि जिसको पूरी दुनिया देखती रह जायेगी। बस आप अपने सही हुनर को एक बार निखार के तो देखो ये आपका बाप हमेशा आप के साथ है ।
5. अपने बच्चे की आर्थिक मदद करना:- सब कुछ समझने के बाद हो सकता है की आपके बच्चे को आर्थिक मदद की भी आवश्यकता हो जिसके बिना वो परेशान था तो यदि ऐसी समस्या है तो आप अपने बच्चे की बिना देरी या बिना सोचे जितना आप से हो सके आर्थिक मदद करिए ताकि वो अपने आने वाले कल का बेहतर निर्माण कर सके जिस पर आपको, आपके परिवार और पूरे देश – दुनिया को गर्व हो ।
इस प्रकार आप अपने बच्चे को अच्छे से टाइम देके, उससे बाते करके, उसको अच्छे से समझ कर, उसको अच्छे से समझा कर बिगड़ने से बचा सकते है या यदि बिगड़ा है तो उसको सही कर सकते है फिर वो आपको या अपने परिवार को कभी भी परेशान नहीं करेगा और आपकी हर एक बात मानेगा तथा वो सभ्य संस्कारी और आज्ञा मानने वाला भी बन जायेगा ।