इंटरमीडिएट: (Intermediate) कोर्स विवरण,8 करियर Keys!

इन्टरमिडीएट (Intermediate) : 

इस शब्द का मतलब होता है मध्यवर्ती यानि बीच का, चुकि यह एक शैक्षिक स्तर है इसलिए इसे मध्यम स्तर भी कह सकते हैं जो हाई स्कूल (10 ) और डिग्री कोर्स के बीच आता है | इन्टरमिडीएट को अलग-अलग देशों मे अलग-अलग नाम से जाना जाता है पर अपने भारत मे इसे 11 वीं एवं 12 वीं कक्षा के रूप मे जाना जाता है |

धराएं (Stream) का प्रकार :

भारत मे इन्टरमिडीएट करने के लिए मुख्यतः तीन धराएं (Stream) या तीन साइड हैं जिसमे क्षात्र अपनी क्षमता एवं इच्छा के अनुशार विभिन्न विषयों का चुनाव कर सकते है |

  • वाणिज्य (Commerce) : इसमे अकाउंटेंसी, अर्थशास्त्र, व्यापार अध्ययन आदि से संबंधित विषय आते हैं |
  • विज्ञान (Science) : इस स्ट्रीम मे गणित, रसायन, भौतिकी, जीव विज्ञान जैसे विषय आते हैं |
  • कला (Arts) : भूगोल, इतिहास, साहित्य, राजनीति विज्ञान जैसे विषय इस स्ट्रीम के अंतर्गत आते हैं |

इंटरमीडिएट: (Intermediate) कोर्स विवरण,8 करियर Keys!

परीक्षा कार्यक्रम : 

इन्टरमिडीएट मे 11 वीं कक्षा की परीक्षा हर स्कूलों द्वारा स्थानीय स्तर पर ही करा लिया जाता है और जो बच्चे परीक्षा मे पास होते हैं उनको 12 वीं कक्षा मे दाखिल हेतु अग्रसारित कर दिया जाता है | पर 12 वीं कक्षा की परीक्षा हर राज्य का राज्य बोर्ड या केन्द्रीय बोर्ड जैसे (CBSE, ISC) द्वारा कराया जाता है | हर राज्य बोर्ड अपने पूरे राज्य मे परीक्षा कराने के लिए एक टाइम टेबल बनाता है जिससे एक साथ पूरे राज्य के सभी बच्चों का परीक्षा आसानी से कराया जा सके | सेम यही प्रक्रिया केन्द्रीय बोर्ड द्वारा भी अपनाई जाती है |

पढ़ाई का तरीका (8 करियर Keys) : 

  1. सबसे पहले एक लक्ष्य बनाईए की आपको आगे जीवन मे क्या करना है इंजीनियर बनना है , डॉक्टर बनना है, आईएएस बनना है, आईपीएस या बिजनेस आदि करना  है |
  2. अब अपने इच्छा, लक्ष्य और क्षमता के अनुशार ही अपने स्ट्रीम या साइड का चुनाव करें | इससे आपको आगे बहुत जल्दी और अत्यधिक सफलता मिलने की पूरी संभावना बन जाती है |
  3. अपने स्ट्रीम से संबंधित विषयों को 11 वीं कक्षा से ही गहनता से अध्ययन करना सुरू कर दें |
  4. विषयों का अध्ययन करते समय परीक्षा से संबंधित सिलेबस का अध्ययन करने के साथ-साथ पूरी किताब का अच्छे से अध्ययन करें | इससे आपको अपने क्षेत्र मे अप्रत्याशित लाभ निश्चित ही मिलेंगे |
  5. अपने पढ़ाई के लिए एक टाइम टेबल जरूर बनाए जिससे आपका कीमती टाइम बर्बाद न हो पाए |
  6. किसी भी लक्ष्य की प्रातप्ति हेतु खुद को उत्साहित (Motivate) रखना अति आवश्यक होता है | इसलिए पढ़ाई के समय अपने आपको हमेशा सेल्फ-मोटिवेट रखें |
  7. पढ़ाई के साथ-साथ अपने शरीर का पूरा ध्यान रखें | जिसके लिए योगा, व्यायाम या खेल-कुद आदि करते रहें |
  8. इन्टरमिडीएट पढ़ाई का वो स्तर है जहा कोई भी विद्यार्थी यदि गलती किया तो फिर उसको सायद अपना पूरा जीवन दुख भरा ही बिताना होगा | क्योंकि हर सफलता का रास्ता इन्टरमिडीएट से ही सुरू होता है इसलिए Intermediate की पढ़ाई मे बिल्कुल भी ढिलवाही न करें |

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पढ़ाई का मुख्य उदेश्य : 

इन्टरमिडीएट शिक्षा का मुख्य उदेश्य विद्यार्थी को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के प्राप्ति हेतु हैयार करना होता है | हर उच्च शिक्षा का आधार स्तम्भ (नींव) Intermediate ही होता है इसलिए यह हर उस विद्यार्थी को एक बेहतर मार्गदर्शन देता है जो अपने पसंदीदा क्षेत्र मे गहरा ज्ञान प्राप्त करना चाहता है तथा इसके लिए विद्यार्थी को किसी अच्छे विश्वविद्यालय मे प्रवेश हेतु भी मदद करता है | इसके साथ-साथ बहुत सारे  नौकरी के अवसर भी प्रदान करता है |

इन्टरमिडीएट के बाद पढ़ाई के अवसर : 

1. ग्रेजुएशन की पढ़ाई  : स्नातक तक कोर्सेस जैसे BA, BSc आदि के लिए 12 वीं करना जरूरी है | और यदि आप आईएएस, आईपीएस या इन्ही तरह की कोई ग्रेड A की भारतीय नौकरी करना चाहते है तो आपको ग्रेजुएशन करना अनिवार्य है और लगभग सभी प्रकार के ग्रेजुएशन के लिए Intermediate अनिवार्य है |

2. मेडिकल की पढ़ाई  : जैसे MBBS, BDS, नर्सिंग एवं फार्मेसी आदि के लिए 12 वीं पास करना जरूरी है और इन्टरमिडीएट विज्ञान विषय (भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, एवं जीव विज्ञान) से होना चाहिए क्योंकि मेडिकल प्रवेश परीक्षाएं जैसे NEET आदि के लिए इन विषयों से 12 वीं करना अनिवार्य होता है  इन विषयों के बना intermediate करने पर मेडिकल कोर्स मे प्रवेश नहीं मिल सकता है |

3. इंजीनियरिंग की पढ़ाई : इसके लिए इन्टरमिडीएट भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान एवं गणित से करना जरूरी है क्योंकि इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाएं जैसे JEE Mains, JEE Advanced एवं अन्य राज्य स्तरीय इंजीनियरिंग परीक्षाएं इन्ही विषयों पर आधारित होती हैं |

4. कॉमर्स और मैनेजमेंट की पढ़ाई : B.Com, BBA, CA या MBA जैसे मैनेगमेंट कोर्स करना आसान हो जाता है |

5. आर्ट्स की पढ़ाई : यदि आपकी रुचि साहित्य, इतिहास, राजनीति, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, भूगोल, अर्थशास्त्र, दर्शनशास्त्र, कला और भाषाएं (हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत) जैसे विषयों मे है तो आपको इन्टरमिडीएट करने से इनके लिए उत्कृष्ट लाभ होता है |

इन्टरमिडीएट के बाद नौकरी के अवसर : 

सरकारी नौकरियां (Government Jobs):

  • रेलवे (Railway Jobs)- टिकट कलेक्टर, ट्रैक मेंटेनेर आदि मे |
  • बैंकिंग (Banking Jobs)- क्लर्क, पीओ (प्रोबेशनरी आफिसर) आदि मे |
  • SCC (Staff Selection Commission)- क्लर्क, एसएससी GD आदि मे |
  • डिफेंस (Defence Jobs)- इंडियन आर्मी, ऐरफोर्स, नेवी आदि मे |
  • स्टेट (State Jobs)- पुलिस कांस्टेबल, लोअर डिवीजन क्लर्क (LDC) आदि मे |

प्राइवेट सेक्टर (Private Sector Jobs) : 

  • कस्टमर केयर एसोसिएट मे |
  • डाटा इंट्री ऑपरेटेर |
  • सेल्स एंड मार्केटिंग |
  • रिटेल सेक्टर मे |

इन्टरमिडीएट जहा आपको हर तरह के शिक्षा की नीव के साथ-साथ एक उच्च शिक्षण का असर प्रदान करता है वही आपको बहुत सारे सरकारी और प्राइवेट जॉब्स के अवसर भी देता है | इसलिए Intermediate पास करना आपके उच्चतं भविष्य के लिए नितांत आवश्यक है |

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