गर है होशला तेरे जिगर में तो दिखा दे दुनिया को अपनी असली पाचन। जिनको है तेरे पर सक ।जो करते है तुझसे नफरत ।जो बनाते है तेरा मजाक ।फिर वही आकार करेंगे ।तुझे और तेरे होशले को सलाम ।
विद्यार्थी के तनाव का कारण :
आज के समय में विद्यार्थी बहुत ही ज्यादा डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं और इसकी वजह है घर और समाज के लोग । क्योंकि जब कोई भी बच्चा पढ़ाई कर रहा होता है तो उसके घर वाले तो उसको हमेशा कुछ न कुछ बोलते ही रहते है साथ ही साथ अगल – बगल के लोग भी कुछ भी बोलते रहते हैं । तो जितना तनाव बच्चे को अपनी पढ़ाई को लेकर नही रहती है उससे ज्यादा घर और समाज के लोगों की बाते, ताने सुनकर होने लगती है ।
हर घर के लोग आज के समय में अपने बच्चों से इतनी ज्यादा आकांक्षा रखते है की बच्चों को पढ़ाई के लिए जरूरत से ज्यादा दबाव बनाने लगते हैं वो ये भूल ही जाते हैं है की उनका बच्चा पढ़ाई कर रहा है या उस बच्चे का पढ़ाई में मन लग रहा है की नहीं या बच्चा क्या पढ़ना चाहता है या बच्चे की किसमे रुचि है या बच्चे की क्या छमता है या फिर बच्चा तनाव में तो नहीं आ रहा है
कुछ नही सोचते बस अपनी आकांक्षा और अगल – बगल के लोगो की सफलता या उनके बच्चों की सफलता को देख कर बार – बार अपने बच्चों को कोसते रहते हैं । तो एसे में बच्चे डिप्रेशन में जाने लगते हैं और फिर ना तो वो अपनी पढ़ाई ढंग से कर पाते हैं और ना ही आगे का कोई डिजिशन सही से ले पाते हैं ।
विद्यार्थी को डिप्रेशन से बचने का प्रभावी समाधान :
1. सही दिशा का चुनाव करना :- कोई भी बच्चा हो उसको पता होता है की उसकी छमता क्या है वो कितनी पढ़ाई कर सकता है फिर भी वो अपने घर वालों या अलग – बगल के लोगों बच्चों या अपने दोस्तो को देख कर अपनी छमता से ज्यादा की पढ़ाई करने लगता है और फिर आगे चलकर जब वो सफल नहीं होता है तो वो डिप्रेशन में जाने लगता है
इसलिए ये जरूरी है की आप अपनी छमता के अनुसार ही पढ़ाई के दिशा का चुनाव करें न की किसी के कहने या किसी को देख कर । और जब आप अपनी छमता के अनुसार पढ़ाई के दिशा का चुनाव करेंगे तो निश्चित ही बहुत जल्द आप सफल हो जानेंगे ।
2. अपने आपको हमेशा पॉजिटिव रखना :- हर बच्चे को अपने आप को हमेशा पॉजिटिव रखना चाहिए । अपने आप पर विश्वास होना चाहिए की हा मैं कर सकता हूं, मैं जो कर रहा हु सही कर रहा हु । क्योंकि बहुत एसे लोग मिलेंगे जो बोलेंगे ये क्या कर रहे हो, तुम पागल हो , तुम्हारा कुछ नही हो सकता है तो यदि येसी स्थिति में आप अपने आपको पॉजिटिव नही रखेंगे तो आप अपने पथ से विचलित हो जायेंगे और आप अपने जीवन में कभी भी सफल नहीं हो पाएंगे । इसलिए अपने आपको पॉजिटिव और अपने आप पर विश्वास जीवन में सदैव रखना चाहिए ।
3. अपने आपको अनुशासित रखना :- एक स्टूडेंट को अपने जीवन में सफल होने के लिए सब चीजों में सबसे जरूरी चीज है की वो अपने आपको हमेशा अनुशासित रखे, की कब उसे पढ़ना है, कितना पढ़ना है, कब सोना है, कब खेलना है, कब जागना है हर चीज का टाइम टेबल होना एक विद्यार्थी जीवन के साथ – साथ पूरे जीवन में नितांत आवश्यक है और विद्यार्थी जीवन में तो बिना इसके सफलता सायद ही संभव हो या हो ही नही । इसलिए एक विद्यार्थी के नाते आपको जीवन में सफल इंसान बनने के लिए आपको अनुशासित होना बहुत ही आवश्यक है ।
4. घर या समाज की बाते या तानों से सीख लेना :- बहुत सारे विद्यार्थी होते है जो अपने घर वालों की बाते या समाज के लोगो की बातों या तानों को मजाक में लेके भूल जाते है ऐसे विद्यार्थी अपने जीवन में कभी भी सफल नही हो पाते हैं । वही विद्यार्थी सफल होता है जो घर वालों या समाज के लोगों की बातों या तानों से सीख लेता है या उनकी तानों को एक ज्वाला के भाती अपने अंदर डाल कर जलने लगता है फिर वो निश्चित ही सफल हो जाता है । और सही माने में दुनिया में वही सबसे सफल इंसान बना है जिसको दुनिया ताने मरने लगती है ।
आज के समय में हर घर के मां बाप को अपने बच्चों से समय – समय पर अच्छे से बाते करना उनके जीवन के बारे में जानना की वो क्या कर रहे हैं, क्या सोच रहे है, क्या करना चाहते है जानना चाहिए और अपने बच्चों पर जरूरत से ज्यादा दबाव नहीं बनाना चाहिए ।
क्योंकि जरूरी नहीं की बच्चा पढ़ लिख कर जॉब ही करेगा हो सकता हो वो जॉब के अलावा कुछ और करना चाहता हो जैसे कोई बिज़नेस आदि । और बच्चों को भी ध्यान रखना चाहिए की वो अपने परिवार के बारे में सोचे बिना समय गवाए अपने परिवार का मदद करना सुरु कर दे और कोई भी ऐसा काम न करे की उसके परिवार को कोई दिक्कत या कोई ठेस पहुंचे ।
एक विद्यार्थी को अपने जीवन में सफल होने और बहुत जल्दी सफल होने के लिए उसको हमेशा अपने आपको अनुशासित, पॉजिटिव, धैर्यशाली, और कर्मठ होना अनिवार्य है ।