हर किसी के जीवन में जैसे रोटी कपड़ा और मकान तीनों को जरूरत होती है वैसे ही एक चौथी चीज है शिक्षा जिसके लिए हर किसी को पढ़ाई करनी पड़ती है और जिसके न होने से इंसान जीवन तो जीता है पर शिक्षा ना होने से वो अंदर ही अंदर हर समय घुटता रहता है और समाज में कोई उसकी इज्जत भी नही करता है । जब भी वो कुछ कहना चाहता तो कोई न कोई उसे ये बोलकर अपमानित करता है की पढ़ाई तो की नही, आता – जाता कुछ नही और आ गए सजेशन देने मतलब उसकी बात जल्दी कोई सुनने को तैयार नहीं होता ।
जीवन में पढ़ाई की आवश्यकता एवम् प्रारंभिक शिक्षा
हमारे जीवन में शिक्षा परम आवश्यक है और कुछ नही तो प्रारंभिक शिक्षा तो कम से कम सभी को आनी ही चाहिए जो हमारे समाज में आवश्यक है जो हर किसी को उनके अपने परिवार वालों से ही मिल जाती है । जैसे अपने छोटे – बड़ों से कैसे बातें करनी है, उनके साथ कैसे ब्यवहार करना चाहिए, उनकी हमेशा इज्जत करनी है अदि लगभग सभी आवश्यक सामाजिक शिक्षा आपके परिवार वाले आपको सीखा ही देते हैं |
पढ़ाई में मन लगाने के 5 उपाय :-
1. आपके पढ़ाई में परिवार का योगदान :- प्रारंभिक शिक्षा के बाद आती है जीवन में अपने पैरो पर खड़ा होने की बारी जिसके लिए हम आप सब को पढ़ाई करनी पड़ती है । जिसके लिए हम आपके परिवार वाले जैसे ही आप 5 साल के होते है पढ़ाई के लिए स्कूल भेजना सुरु कर देते है आज कल के समय में तो 2 – 3 साल के होते ही परिवार वाले अपने बच्चों को स्कूल भेजना सुरु कर दे रहे है क्यों
क्योंकि उनको आपके भविष्य की चिंता है की उनसे कही कोई एसी गलती ना हो जाए जिसके वजह से आपको भविष्य में कोई दिक्कत उठानी पड़े। लगभग हर किसी के परिवार वाले अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए पूर्ण रूप से समर्पित हैं
2. पढ़ाई की प्रेरणा अपने ही परिवार से कैसे लें :- अब बात आती है उस बच्चे की जिसके लिए उनका परिवार मेहनत करता है दिन रात मेहनत करके उसकी सारी जरूरतों को पूरी करने की पूरी कोशिश करता है और पूरी करते भी है जितना उनसे होता है।
पर जिस बच्चे के लिए उनके मां- बाप दिन रात मेहनत करते है वो जब पढ़ने जाता है तो कहता है की पढ़ाई में मन नहीं लग रहा है उस बच्चे को नहीं पता की उसके मां बाप कितनी मेहनत करते है उसको पढ़ाने के लिए और ऐसा नहीं की उसको पता नही है सब पता है। पर फिर भी यही बोलेगा की मेरा पढ़ाई में मन नहीं लग रहा है और अपना कीमती टाइम बरबाद करता रहता है ।
तो अपने मां – बाप की मेहनत और समर्पण को देख के भी आप सिख ले सकते है जैसे उनके त्याग और समर्पण को देखेंगे तो खुद ब खुद आप का पढ़ाई में मन लगना शुरू हो जाएगा फिर किसी से ये पूछने की जरूरत नहीं पड़ेगी की क्या करे की पढ़ाई के मन लगे। कैसे पढ़ाई में मन लगाए किसी से कुछ पूछने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
और साथ ही साथ आपको यह भी ध्यान रखना है की आने वाला समय बहुत ही कठिन है जिसकी तैयारी हम अभी से नही करेंगे तो समय के साथ चलना हमको बड़ा कठिन हो जाएगा । इन सब बातों को आप यदि ध्यान में रख कर पढ़ाई करेंगे तो पक्का आपका मन पढ़ाई में लगने लगेगा ।
3. आपकी रुचि का महत्व :- पढ़ाई के लिए अपनी रुचि भी जरूरी है की आप क्या पढ़ाई करना चाहते है जिसमे आपकी रुचि हो वही पढ़ाई करें । क्योंकि किसी भी व्यक्ति का जिसमे रुचि होती है वो व्यक्ति उस छेत्र में बहुत ही ज्यादा तरक्की करता है।
देखिए यदि आपको खेल कूद में ज्यादा मन लगता है और आपको बिस्वास है की आप उस छेत्र में बेहतर कर सकते है तो आप अपने परिवार वालो को मनाए और वो मन जाए तो आप पढ़ाई के साथ – साथ उस छेत्र में भी लगन से लगे रहें । क्योंकि आपको अपना भविष्य की खुद भी चिंता होनी चाहिए और होगी तभी आप अपने घर वालो को अपनी इच्छा बताएंगे तो आपके घर वाले पक्का आपका साथ देगें ही।
4. दोस्त का योगदान :- पढ़ाई में मन लगाना है तो आपके अच्छे दोस्त भी होने चाहिए जो पढ़ाई करने में मदद करें ना की आपका टाइम बरबाद करें ।
तो पढ़ाई के लिए अच्छे दोस्त का होना भी जरूरी है वो भी एक या दो ये नही की बहुत सारे दोस्त बना ले । यादि आप ऐसा करेंगे तो फिर आपकी पढ़ाई हो ही नही पाएगी । क्योंकि पढ़ाई के दौरान हर किसी के दोस्त होते है तो दोस्त भी बनाइए तो ऐसा की जो आपको सही दिशा में अग्रसर होने के लिए आपको सुझाव दे। पर दोस्त एक या दो उससे ज्यादा नही ।
5. पढ़ाई में बिल्कुल ही मन न लगे तो :- इतना कुछ समझने के बाद भी यदि आपका मन फिर भी नहीं लगता है तो इतना तो पढ़ ही लीजिए जितना समाज में जीने के लिए आपको आवश्यक लगे फिर आप जो करना चाहते है वो करे पर जो भी करे कोशिश करे की वो आपके आने वाले भविष्य को सुरक्षित करने वाला हो ।
एक बात जरूर कहना चाहूगा की आपका यदि पढ़ाई में मन नहीं लगता है तो आप अपने परिवार का पैसा बरबाद मत कीजिए और बिना समय गंवाए अपना भविष्य बनाने में लग जाए जिसमें भी आपकी रुचि हो क्योंकि दुनिया का कोई भी काम छोटा या बड़ा नही होता है ।
और एक निश्चित उम्र के बाद यदि आप अपने पैरों पर खड़ा नही होंगे, खुद अपने खर्चे और घर के जरूरतों में मदद नहीं करेंगे तो घर वालों के लिए बोझ बन जायेंगे। तो किसी पर बोझ बनने से अच्छा है की आप खुद को इतना तैयार रखे की किसी पर बोझ बनने की जरूरत ही न पड़े।
तो मन लगाकर पढ़ाई कीजिए या जिसमे रुचि हो उसको मन से कीजिए जिसमे आपका और आपके परिवार दोनो का भविष्य उज्ज्वल हो। और आपके परिवार को आप पर गर्व हो।